झूठे वादों और जनता की चुप्पी से रोसड़ा विकास से कोसों दूर

- Reporter 12
- 09 Apr, 2025
मोहम्मद आलम
रोसड़ा की जनता ने कभी अपने हक और विकास के लिए एकजुट होकर आवाज़ नहीं उठाई। यही वजह है कि यहां के नेताओं ने वर्षों से झूठे आश्वासनों का झुनझुना थमाकर लोगों को छलते रहे। झूठ भी इतना कि अब खुद झूठ को शर्म आने लगे। हकीकत यह है कि रोसड़ा आज भी विकास से कोसों दूर खड़ा है।बुनियादी सुविधाओं का टोटा
सालों बीत गए लेकिन रोसड़ा की समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।
बाईपास सड़क आज तक नहीं बनी।
रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत एक्सप्रेस का ठहराव केवल घोषणा तक सीमित रहा।पटना जाने वाली सीधी ट्रेन की सुविधा अब तक उपलब्ध नहीं हो सकी।गांधी चौक के निकट ओवरब्रिज का निर्माण अधर में लटका पड़ा है।महावीर चौक से प्रखंड मुख्यालय तक सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है।जिला बनाने का अधूरा सपना
दशकों से रोसड़ा को जिला बनाने का वादा नेताओं ने किया, लेकिन यह सपना आज भी केवल चुनावी भाषणों तक सीमित है।सभी एमएलए-एमपी ने किया छल
अब तक रोसड़ा से जितने भी विधायक और सांसद चुने गए, सबने जनता को केवल छलने का काम किया। किसी ने भी यहां की वास्तविक समस्याओं को दूर करने की ईमानदार कोशिश नहीं की। हर चुनाव में नए वादे, नए सपने दिखाए गए, लेकिन नतीजा वही – रोसड़ा की जनता ठगी जाती रही।
जनता की चुप्पी बनी नेताओं की ताक़त
नेताओं के सामने जयकार करना, फोटो खिंचवाना और चापलूसी करना यहां आम बात है। इसी मानसिकता का फायदा उठाकर जनप्रतिनिधि हर चुनाव में झूठा सपना दिखाकर जीतते रहे और जनता खाली हाथ रह गई।
राजनीति और जनता दोनों जिम्मेदार
रोसड़ा के पिछड़ेपन के लिए जहां नेताओं की राजनीति जिम्मेदार है, वहीं जनता की चुप्पी और बिखराव भी उतना ही बड़ा कारण है। सच तो यह है कि नेताओं ने झूठ बोला और जनता ने उस झूठ पर ताली बजाई। यही वजह है कि रोसड़ा अब तक विकास की राह में सिर्फ़ इंतज़ार करता रह गया।
अब उठना होगा सवाल
सवाल यह है कि कब तक रोसड़ा के लोग ऐसे ही झूठे वादों में उलझकर ठगे जाते रहेंगे? क्या वे अब भी चुप्पी साधकर नेताओं की गद्दी मजबूत करते रहेंगे, या फिर सच में अपने हक और विकास के लिए एकजुट होकर आवाज़ बुलंद करेंगे?
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